दिल्ली-एनसीआर में लगातार हो रही भारी बारिश और यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने के बाद नोएडा और गाज़ियाबाद प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने और उन्हें राहत शिविरों में शिफ्ट करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
- हठानिकुंड बैराज से करीब 3.3 लाख क्यूसेक्स पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
- नोएडा प्रशासन ने यमुना किनारे बसे गांवों से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है।
- कई स्थानों पर अस्थायी शेल्टर होम और राहत कैंप बनाए गए हैं।
- गाज़ियाबाद में NDRF और SDRF टीमें तैनात कर दी गई हैं ताकि तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा सके।
- अब तक 250 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जा चुका है।
स्कूल और दफ्तर भी प्रभावित
गाज़ियाबाद प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 3 सितंबर को सभी स्कूलों (नर्सरी से 12वीं तक) बंद रखने का आदेश जारी किया है। वहीं, कई इलाकों में जलभराव के कारण दफ्तरों में भी उपस्थिति कम हो रही है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और यमुना किनारे या जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। साथ ही, किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने के निर्देश दिए गए हैं।
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